१-
रिश्तों की गर्मी
मौसम की गर्मी पर
भारी है,
भाई-भाई में
युद्ध की तैयारी है!
२-
किसान लहू-लुहान
जनमानस लाचार,
पारा फिर साठ के पार!
३-
उमस भरी गर्मी को
ताक पर रखकर
शाम
सुहानी हवा के संग आयी,
दोस्ती रंग लायी!
४-
चिलचिलाती धूप में
उसकी काया से,
चू रहा था पसीना
लाल रंग का!
५-
चटक धूप से
तापमान बढ़ा,
सूरज सर पर चढ़ा!
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६-
नदी ने
सहारा दिया,
गर्मी ने
किनारा किया!
७-
आ धमका
चुपचाप
वर्षा के सहारे,
प्रतीक्षारत शरद ने
पंख पसारे!
८-
गर्मीरूपी सरकार पर
भ्रष्टाचाररूपी उमस भारी है,
धूप और बदली के बीच
सत्ता और विपक्ष की भाँति
आँख-मिचौनी जारी है!
९-
बादल हवा में तैरे
बिजली कड़कड़ाई,
बारिश ने
गर्मी की
नींद उड़ाई!
१०-
'प्रकृति के साथ मत खेलो'
गर्मी सिखाती है,
रौद्र रूप दिखाती है!
- डॉ. शैलेश गुप्त 'वीर'
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