पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१. २. २०१८

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बाबू जी का खत आया है

 

 

बाबूजी का खत आया है
बेटा घर अब आओ

माँ खटिया पर लेटी बबुआ
केवल नाम तुम्हारा लेती
मेरे भी अब हाथ काँपते
मुश्किल में है लखना खेती
बटेदार से सौ झंझट हैं
आकर तुम सुलझाओ

बाबूजी का खत आया है
बेटा घर अब आओ

दशरथ बाबू के बच्चों के
भाईचारे का था किस्सा
मगर आज लछमन-सा भाई
दाब रहा है अपना हिस्सा
नहीं अकेला बाप तुम्हारा
उनको यह दिखलाओ

बाबूजी का खत आया है
बेटा घर अब आओ

बेटा माना शहर तुम्हारा
आज भरण-पोषण करता है
पर क्या कोई पितृ-डीह को
धन-दौलत अपनी तजता है
तीन-चार माहों में इक दिन
तो तुम रहकर जाओ

बाबूजी का खत आया है
बेटा घर अब आओ

- राहुल शिवाय

इस माह

गीतों में-

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राहुल शिवाय

अंजुमन में-

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राम शिरोमणि पाठक

छंदमुक्त में-

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उर्मिला शुक्ल

दोहों में-

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मधु प्रधान

लंबी कविता में-

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रघुवीर-सहाय-की-आत्महत्या-के-विरुद्ध

पिछले माह
नववर्ष के अवसर पर

गीतों में- अनुराग तिवारी, अमन चाँदपुरी, अमित, अमित कुलश्रेष्ठ, अलका प्रमोद, आभा खरे, उमाप्रसाद लोधी, उर्मिला माधव, ऋताशेखर मधु, ओमप्रकाश नौटियाल, कल्पना मनोरमा, कल्पना रामानी, कुमार गौरव अजीतेन्दु, कुमार रवीन्द्र, कृष्णनंदन मौर्य, कृष्ण बक्षी, कृष्ण भारतीय, गणेश गंभीर, गीता पंडित, जगदीश पंकज, जय चक्रवर्ती, ज्योतिर्मयी पंत, दिगंबर नसवा, निर्मल शुक्ल, निशा कोठारी, नीरज द्विवेदी, परमजीत कौर रीत, पवन प्रताप सिंह पवन, प्रदीप शुक्ल, भावना तिवारी, मधु प्रधान, मनोज जैन मधुर, रंजना गुप्ता, रमा प्रवीर वर्मा, रविशंकर मिश्र रवि, राजा अवस्थी, राजेन्द्र वर्मा, राममूर्ति सिंह अधीर, रामशिरोमणि पाठक, रामसनेहीलाल शर्मा यायावर, रामेश्वर प्रसाद सारस्वत, राहुल शिवाय, विश्वंभर शुक्ल, शशिकांत गीते, शशि पाधा, शशि पुरवार, शिवानंद सहयोगी, शीला पांडे, शुभम श्रीवास्तव ओम, शैलेष गुप्त वीर, श्रीधर आचार्य शील, संध्या सिंह, सीमा अग्रवाल, सीमा हरि शर्मा, सुबोध श्रीवास्तव, सुरेन्द्रपाल वैद्य, सुरेन्द्र शर्मा, सौरभ पांडेय

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी