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अभिलाषा
 
 
सुख दुख कितने
लिए घूमता
झोली में है डाल
सोच रहा हूं क्या लाएगा
आने वाला साल

नए वर्ष है
मुझको तुमसे
इतनी सी अभिलाषा
मेरे दिल में ज़िंदा रखना
बस थोड़ी सी आशा

पैसा भले न लाना
लेकिन लाना नहीं बवाल

अमरीका से कहना
थोड़ा गुस्सा
कम दिखलाए
किम पागल से कहना
भइया ज्यादा मत पगलाए

ट्रम्प और किम बनें न देखो
इस धरती के काल

रामदीन के लिए
रोज का
खाना लेकर आना
फिर चुनाव में तुम जिसको, चाहो
उसको जितवाना

अगर हो सके महंगाई की
धीमी रखना चाल

- प्रदीप शुक्ल 
१ जनवरी २०१८

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