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सब कुछ नया नया
 
हुआ अतीत जो वर्तमान था
पल में फिसल गया!
नये साल में लो अब होगा
सब कुछ नया नया!!

नयी कल्पना की झोली में
नयी नयी होंगी आशाएँ
विश्वासों से भरे वृक्ष की
नयी नयी होंगी शाखाएँ
बाँटेगा सूरज प्रकाश भी
सबको नित नया नया!!

नये साल की बाट जोहतीं
बैठीं अनन्त संभावनाएँ
मुखरित होंगे मौन सभी
तोड़ सभी बाधाएँ
चीर अँधेरे को बढ़ जायें
गढ़़ने कुछ नया नया!!

पुरवा-पछुआ के संग भी
शांति का संदेश मिलेगा
भेदभाव सब मिट जायेंगे
सुख का परचम लहरेगा
'अट्ठारह' अध्याय रचेगा
सचमुच नया नया!!

- श्रीधर आचार्य "शील"    
१ जनवरी २०१८

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