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नव वर्ष आया द्वार पर
 
स्वागत करें हम प्यार भर
नव वर्ष आया द्वार पर

आँगन सजे रंग अल्पना
कर सुखद भावी कल्पना
उम्मीदों का सूर्य क्षितिज
हर रश्मि पूरे कामना
बीती भूलें सुधार कर

ग़म छुपाकर मुस्कुराए
मुखौटे नव यों सजाए
विगत के सिर दोष मढ़कर
कदम तुम सँग अब बढाए
मुश्किल मझधार पार कर

विदा हो कर जो पुराना
सीख दे रिश्ते निभाना
हंँस कभी आँसू बहाकर
अनुभवों का वो खजाना
स्मृति बन मधुर साकार कर

- ज्योतिर्मयी पंत     
१ जनवरी २०१८

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