मेरा वतन बदल गया
मेरा वतन बदल गया।
मेरा चमन बदल गया।
जहाँ अमन का राज था वहाँ हैं ख़ूँ की होलियाँ,
कहीं धमाके बम के हैं, कहीं चले हैं गोलियाँ,
किसी शहर में बंदा है, कहीं लगा है कर्फ़्यू,
ये कौन सबके सोचने के ढंग को बदल गया।
मेरा वतन बदल गया।
मेरा चमन बदल गया।
घने-घने जो साये थे चिनार के, कहाँ गए,
वो चीड़ के दरख़्त देवदार के, कहाँ गए,
हरे थे ताज परबतों के सर पे कौन ले गया,
ये कौन सारे मौसमों के रंग को बदल गया।
मेरा वतन बदल गया।
मेरा चमन बदल गया।
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