एक दीपक जल गया है
एक दीपक जल गया है।
बीत गई है अमावस अब,
ख़त्म पतझड़ के दिवस अब,
युगों का विश्वास मेरा, आज देखो फल गया है।
एक दीपक जल गया है।
अनल-सा मैं धधकता था,
भटकता था, बहकता था,
दहकता था मन मेरा भठ्ठी-सा हो शीतल गया है।
एक दीपक जल गया है।
अनगिनत बाधायें पथ पर,
लाख काँटे हों नहीं डर,
अनवरत चलता चलूँगा मुझमें आया बल नया है।
एक दीपक जल गया है।
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