खुद में रहने की आदत
ख़ुद में रहने की आदत हमें पड़ गई
रौ में बहने की आदत हमें पड़ गई
रेत का इक महल बन गई ज़िन्दगी
रोज़ ढहने की आदत हमें पड़ गई
दर्द देने का चस्का जो उनको लगा
दर्द सहने की आदत हमें पड़ गई
आह को भी नज़र लग न जाए कहीं
छुपके रहने की आदत हमें पड़ गई
दल ने चाहा मगर आँख ने कह दिया
कुछ न कहने की आदत हमें पड़ गई
अब तो 'घायल' वफ़ा की ये परछाइयाँ
तकते रहने की आदत हमें पड़ गई
१३ अक्तूबर २००८
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