आदमी को भला
आदमी को भला और क्या चाहिए
ज़िंदगी में किसी की दुआ चाहिए
आसमाँ को जो धोखा हुआ इसलिए
बादलों को ज़मीं से वफ़ा चाहिए
पेड़ पर पंछियों को भरोसा नहीं
टहनियों को नया घोंसला चाहिए
तितलियों को परागों की है जुस्तजू
फूल को खुशबुओं का सिला चाहिए
जाने मौसम को किसकी नज़र लग गई
आज पुरवाई को भी हवा चाहिए
दरिया भरके जहाँ बन गईं बस्तियाँ
रास्तों को वहाँ रास्ता चाहिए
24 मार्च 2007
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