तितलियाँ
कितनी उम्मींदें लगाकर आ गई फिर तितलियाँ
काग़ज़ी फूलों से धोखा खा गई फिर तितलियाँ
मैंने सोचा फूल बन महकूँ जो उनकी राह में
खुशबू बन ख़्वाबों में मेरे छा गई फिर तितलियाँ
'एक दिल बच्चों के जैसा है तुम्हारी खोज में'
इतना सुनना था कि बस शरमा गईं फिर तितलियाँ
क़ुदरती तानों की रौ में मैं जो इक दिन बह चला
मेरे सुर में सुर मिला कर गा गई फिर तितलियाँ
इस चमन से उस चमन इस फूल से उस फूल तक
ज़िंदगी के बीज कुछ बिखरा गई फिर तितलियाँ
|