इनको बुरा लगा
इनको बुरा लगा कभी उनको बुरा लगा
सुनते हैं आसमानों को ज़रा बुरा लगा।
उपर का आसमान तो चुप देखता रहा
नीचे के आसमानों को पत्थर बहुत लगा।
तू कितना बरखिलाफ़ था रस्मों-रिवाज़ के
तेरा यों अपनी बात से हटना बुरा लगा।
लफ़्ज़ों की टीमटाम शायरी में यों रही
मैंने पतंगे को कहा मच्छर, बुरा लगा।
तुम कहते कुछ नया तो मैं भी सुनता-समझता
मुझको पुरानी बातों का रटना बुरा लगा।
9 अप्रैल 2007
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