जड़ जिसने थी काटी
जड़ जिसने थी काटी प्यारे
था अपना ही साथी प्यारे
सच्चा तो सूली पर लटके
लुच्चे को है माफी प्यारे
उल्टी सीधी सब मनवा ले
रख हाथों में लाठी प्यारे
सोचो क्या होगा गुलशन का
माली रखते आरी प्यारे
इक तो राहें काँटों वाली
दूजे दुश्मन राही प्यारे
भोला कहने से अच्छा है
देदो मुझको गाली प्यारे
मन अमराई यादें कोयल
जब जी चाहे गाती प्यारे
तेरी पीड़ा से वो तड़पे
तब है सच्ची यारी प्यारे
तन्हा जीना ऐसा "नीरज"
ज्यों बादल बिन पानी प्यारे
१७ नवंबर २००८
|