गीत तेरे
गीत तेरे जब से हम गाने लगे
भीड़ में सबको नज़र आने लगे
सोच को अपनी बदल कर देख तू
मन तेरा गर यार मुरझाने लगे
बिन तुम्हारे खैरियत की बात भी
पूछते जब लोग तो ताने लगे
वो मेहरबां है तभी करना यकीं
जब बिना मांगे ही सब पाने लगे
प्यार अपनों ने किया कुछ इस तरह
अब मेरे दुश्मन मुझे भाने लगे
सच बयानी की गुजारिश जब हुई
चीखते सब लोग हकलाने लगे
खार तेरे पाँव में 'नीरज' चुभे
नीर मेरे नैन बरसाने लगे
२० अप्रैल २००९
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