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नाम तुम्हारे नवल वर्ष
उपहार नवल लिख दें
द्वादश माह चले अविचल तुम
क्रम न कभी छोड़े
संकल्पों के धागे हमने
पग-पग पर तोड़े
डिगें न पग अब दृढ़ता के
विश्वास अटल लिख दें
नाम तुम्हारे नवल वर्ष
उपहार नवल लिख दें
उम्मीदें लाते तुम, हम
क्या पूरी कर पाते ?
दुख, पीड़ा के आँसू लेकर
तुम हताश जाते ?
सकल विश्व में सुख व्यापे
शुभ कर्म धवल लिख दें
नाम तुम्हारे नवल वर्ष
उपहार नवल लिख दें
अमल पट्ट है नवल वर्ष का
स्वर मंगल लिख दें
प्रेम ऋचाओं से गुंजित
घर-घर मंगल लिख दें
द्वेष दुखों का दहन करें, उठ
स्वयं पहल लिख दें
उपहार नवल लिख दें
नाम तुम्हारे नवल वर्ष
उपहार नवल लिख दें
- सीमा हरि शर्मा |