वर्ष मंगल हो नया

 

 

 

वर्ष मंगल हो नया
नूतन, नवल मधुमास हो
तप्त होती इस धरा पर
प्रीति की बरसात हो

सत्य, शिव, सुन्दर बने जीवन
गरल का नाश हो
शुभ सनातन कर्म के
आचार पर विश्वास हो

हर कला फूले-फले, नित
नव प्रगति, उल्लास हो
सभ्यता, साहित्य, संस्कृति का
सतत विकास हो

वेद, उपनिषदों के दर्शन
ज्ञान का अधिवास हो
राष्ट्र गौरव बोध का
चित में निरंतर वास हो

भूमि हो भारत समुन्नत
विश्व का कल्याण हो
विश्व क्या, ब्रम्हाण्ड में
परिपूर्ण एकाभास हो

वर्ष मंगल हो नया
नूतन, नवल मधुमास हो

- उषा अवस्थी      
१ जनवरी २०१९

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