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नया वर्ष है लगा चमकने |
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नये वर्ष की नयी सुबह ने
रंग बिखराये नये नये
सब में नये नये सूरज ने
स्वप्न जगाये नये नये
नयी उमंगें, नयी तरंगें
नयी ताल, संगीत नया
सब में जगीं नयी आशाएँ
नयी बहारें, गीत नया
नयी चाह है, नयी राह है
नयी सोच, हर बात नयी
नया जागरण, नयी दिशाएँ
नयी लगन, सौगात नयी
सब में नयी नेह-धारायें
लेकर आया वर्ष नया
नया लगा हर एक नज़ारा
सब में छाया हर्ष नया
- त्रिलोकसिंह ठकुरेला
१ जनवरी २०१९ |
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