खुशियाँ मनाओ
 

 

 

भूलकर बातें पुरानी मुस्कराओ
स्नेह से नववर्ष की खुशियां मनाओ

हर जगह उल्लास का वातावरण है
सुप्त मन की भावनाओं को जगाओ

आ गया नववर्ष नव अनुभूतियां ले
फिर मधुर सा जिन्दगी का गीत गाओ

है नहीं अच्छा किसी का दिल दुखाना
हो सके टूटे दिलों को फिर मिलाओ

देखकर खिलते गुलों को डालियों पर
साथ सबके खूब मिलकर खिलखिलाओ

आ गया है फिर नया उपहार लेकर
वर्ष नूतन के लिए पलकें बिछाओ

आशियाना खूबसूरत हो सभी का
नित्य अविरल प्यार से उसको सजाओ

- सुरेन्द्रपाल वैद्य    
१ जनवरी २०१९

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