|
बाँटता हुआ उपहार |
|
.पैग़ाम लेके प्यार का हर
द्वार आ रहा
नववर्ष बाँटता हुआ उपहार आ रहा
है जनवरी की भोर, नया साल, नव दिवस
संकल्प लें नवीन नवाचार आ रहा
भूलें तमाम रंजिशें दुश्वारियाँ सभी
खुशियाँ मनाने साल का त्यौहार आ रहा
अम्न-ओ-अमान मुल्क़ में हो इत्तिहाद हो,
करने मुहब्बतों का वो इसरार आ रहा
लबरेज़ एतिमाद से, ले तोहफे हसीन,
ये साल ले उमंग का भंडार आ रहा
उत्साह उमंगों का नया दौर हो शुरू
करने दिलों में प्रेम का संचार आ रहा
शिद्दत से जिस घड़ी का किया इन्तजार था
वो पल मुराद ले के लो इस बार आ रहा
बदलेंगे सूर्य चाल नया आएगा अयन
उत्तरपथीय अर्क शुभाचार आ रहा
रोपें खुशी के बीज उगे फ़स्ल सब्ज़ 'हरि'
करने चमन को फिर से वो गुलजार आ रहा
- हरिवल्लभ शर्मा 'हरि'
१ जनवरी २०१९ |
|
|
|
|
|