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उपहार नवल लिख दें |
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नाम तुम्हारे नवल वर्ष
उपहार नवल लिख दें
द्वादश माह चले अविचल तुम
क्रम न कभी छोड़े
संकल्पों के धागे हमने
पग-पग पर तोड़े
डिगें न पग अब दृढ़ता के
विश्वास अटल लिख दें
उम्मीदें लाते तुम, हम
क्या पूरी कर पाते ?
दुख, पीड़ा के आँसू लेकर
तुम हताश जाते ?
सकल विश्व में सुख व्यापे
शुभ कर्म धवल लिख दें।
अमल पट्ट है नवल वर्ष का
स्वर मंगल लिख दें
प्रेम ऋचाओं से गुंजित
घर-घर मंगल लिख दें
द्वेष दुखों का दहन करें, उठ
स्वयं पहल लिख दें
- सीमा हरि शर्मा
१ जनवरी २०१९ |
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