आओ हे नव वर्ष

 

 

 

आओ हे नववर्ष सब, हेर रहे हैं बाट।
बिखरें खुशियाँ द्वार के खोलो बन्द कपाट।।

अक्षत, कुंकुम थाल ले द्वारे वन्दनवार।
स्वागत है नववर्ष का, कर कुसुमों का हार।।

लाया मौसम डाकिया, फूलों का उपहार।
खत लाया खुशबू भरे, भर-भर थैला प्यार।।

नया साल लाये प्रभू, रंग -अबीर -गुलाल।
हरे-भरे हों खेत सब, भरे- भरे हों ताल।।

उम्मीदों की रोशनी, खुशहाली की धूप।
घर-आँगन मृदुभाव की, फैले छटा अनूप।।

भूख-गरीबी खत्म हो, फैले सुख समृद्धि।
सरल-सहज अभिव्यक्ति हो, अपनेपन में वृद्धि।।

द्वेष- दुश्मनी-दुष्टता, मानव जाये भूल।
वर दो हे वरदायिनी, खिलें प्यार के फूल।।

किरणों से घर भर दिया, अरु मन में उत्साह।
हम तो प्रभु नादान हैं, तुमको है परवाह।।

- मधु प्रधान    
१ जनवरी २०१९

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