खुशी की तरह
गम भी लगने लगेंगे खुशी की तरह,
बन्दगी कीजिये, बन्दगी की तरह।
सिर्फ तुकबन्दियाँ काम देंगीं नहीं,
शायरी कीजिये, शायरी की तरह।
प्यारी प्यारी सी सूरत जो देखी तेरी,
गा उठा मैं मुहम्मद रफी की तरह।
बिन तेरे वक्त मेरा भी कटता नहीं,
तू लगे है मुझे इक घड़ी की तरह।
बिल्डिंगें, गाड़ियाँ और फैशन बढ़ा,
गाँव भी हो रहे मुम्बई की तरह।
आज भी हैं मुसीबत में कुछ नारियाँ,
वो अहिल्या कि या द्रौपदी की तरह।
साँप जो पालते आस्तीनों में वो,
दोस्ती भी करें दुश्मनी की तरह।
२४ फरवरी २०१४
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