पाँच क्षणिकाएँ
1- बुरा समय
हम ने कुछ द्रव्य
बुरे समय के लिए जोड़ा था,
आज उसे खा रहे हैं,
क्योंकि अब हमारे बच्चे कमा रहे हैं।
2- ईर्ष्या
हम ठोकर खाने के बाद भी
राह के पत्थर,
इसलिए नहीं हटाते,
क्योंकि हम चाहते हैं-
जो भी हमारे पीछे आएँ
वे भी ठोकर खाएँ।
3- वर्षगाँठ
जिस दिन
उम्र की रस्सी
एक और बल लेती है-
जो उसे छोटा कर देती है।।
4- स्मृतिपत्र
प्रिय,
तुम्हारी याद,
दिन रात सताती है,
हर पल भूले नहीं भुलाती है,
वापसी तार दे रहा हूँ-
थोड़े लिखे को बहुत समझना,
राशन कार्ड कहाँ रखा है लिखना।।
5-आदर्श आचार
हम ने सब आदर्श विचार
डाल कर अचार
रख दिए गलने-
कि कभी समय आएगा,
तो खाएँगे।
किसी आम सभा में सुनाएँगे।।
24 जनवरी 2007
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