सजीवन मयंक
जन्म
२१ अक्तूबर १९४३ को होशंगाबाद में।
शिक्षा:
एम.एस.सी (रसायन शास्त्र.), बी.एड, हिंदी विशारद
कार्यक्षेत्र: साठ के दशक से लेखन प्रारंभ वर्ष १९६२ में अखिल
रंग भारतीय काव्य प्रतियोगिता में पुरस्कृत।
कार्यक्षेत्र
धर्मयुग, सारिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादंबिनी, भारती, मधुमती,
रंग-चकल्लस, इंगित, सरिता, मुक्ता, योजना, आरोग्य संदेश, एवं
समाचार पत्रों में रचनाएँ प्रकाशित, आकाशवाणी इंदौर, भोपाल से
नियमित काव्यपाठ।
लेखन विधा-
गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, क्षणिकाएँ आदि
प्रकाशन: कादम्बिनी, साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग, सारिका,
कंचन प्रभा, सरिता, मुक्ता, रंग चकल्लस आदि में रचनाएँ प्रकाशित
व इंदौर एवं भोपाल आकाशवाणी से रचनाएँ प्रसारित
प्रकाशित कृतियाँ-
माटी चंदन है, उजाले की कलम, गाते चलें पढ़ाते चलें, फागुन आने
वाला है।
सम्प्रति: प्राचार्य पद से अवकाश प्राप्त
ई मेल-
sajeevanmayank@rediffmail.com
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