अजब ये माजरा देखा
पुराना ठूँठ बरगद का पुन: हमने हरा देखा
लगाए जो नए पौधे सभी को अधमरा देखा
सभी दुकानदारों ने जिसे लौटा दिया था कल
जो खोटा था कभी सिक्का उसी को अब खरा देखा
किसे हम दोष दें यारों हमारी ऐसी किस्मत है
गिरी है वहीं पर बिजली जहाँ पर आसरा देखा
जहाँ इंसाफ़ अंधा है सभी कानून बहरे हैं
वहाँ गूँगे हैं फरियादी अजब ये माजरा देखा
बहुत उम्मीद लेकर आईने के पास पहुँचे हम
वहाँ अपनी शक्ल का आदमी कोई दूसरा देखा
1 जून 2006
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