| मुस्कान 
                  तुम्हारी पीछे तो केवल छाया हैयही तुम्हारा सरमाया है
 तुम अपनों को ढूँढ़ रहे होकोई साथ नहीं आया है
 देखी है मुस्कान तुम्हारीसब कुछ आँसू से पाया है
 जिसको तुमने गीत कहा थाचुपके रो-रोकर गाया है
 तुम भी बाज नहीं आते होजी भरके धोखा खाया है
 आशीषों की वर्षा करकेकेवल ज़हर तुम्हें भाया है
 अपनों का तो सपना पालागैरों ने ही अपनाया है
 १८ जनवरी २०१०     |