हर लफ्ज़ कहानी
है
साथी, हर लफ्ज़ कहानी है
हर क़तरा जैसे पानी है
वो क्यों न प्यार सा भला लगे
जिसने हर इक की मानी है
इक घर में नौ-नौ लोग रहें
अब तो ये बात पुरानी है
चुपके से किसीने दान किया
ऐसा भी कॊई दानी है
ऐ "प्राण" महाभारत की जंग
अब भी घर-घर की कहानी है
१० मार्च २०१४
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