कितनी हैरानी
कितनी हैरानी की यारों बात है
जेठ में बरसात ही बरसात है
बात हो तो हर किसी की बात हो
क्यों सभी में एक की ही बात है
जा रहे हैं आप ठुकरा कर इसे
दिल से बढ़कर और क्या सौगात है
खिल उठे हैं फूल खुशबू से भरे
आज दिल में प्यार वाली बात है
भाग्यशाली क्यों ना समझें ख़ुद
को वो
उसके सर पर हर किसी का हाथ है
आप पत्थर से करें या ईंट से
दोस्तों आघात तो आघात है
"प्राण" आओ छत पे हम टहलें ज़रा
प्यारी प्यारी चाँदनी की रात है
४ फ़रवरी २००८
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