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सनटैन लोशन
१५ मई
पिता की तस्वीर - डाक

 

कुछ भी

धुँधली सुबह अच्छी
और खोलता है दिन खिड़की को-
गुमसी हवा में छुपाता हूँ मैं कुछ
कोई याद किसी लापता
किसी खोए की
कुछ भूल जाने का पश्चाताप
कोई अधूरा जवाब
मैने गिने भी नहीं दिन कि आधा साल गुजरा
दो लड़ाइयाँ भी खत्म हो गई
दो मौसम भी आकर जा चुके
और जैसे हुआ ही नहीं कुछ भी
जिसका कोई मतलब हो

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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