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सनटैन लोशन
१५ मई
पिता की तस्वीर - डाक

  बड़ा काम

सोचा कई बार
और लौटा कुछ न कुछ रह जाता पीछे
सबकुछ था पर रह गया पीछे
अपने अलावा सब कुछ
मुझे कुछ करना था
तुम्हें कुछ करना चाहिए बड़ा काम
एक आवाज मुझे देती सलाह
हाँ हाँ करना चाहिए बोल पड़ता एक कोलाहल
मैं निकलता उसे करने
फिर लौटता असमंजस में
मुझे क्या करना था
करना क्या है

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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