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सनटैन लोशन
१५ मई
पिता की तस्वीर - डाक

  अपनी कही बात

उन्होंने कहा न जाओ दुनिया के छोर तक
डर जाओगे अपनी लंबी परछाई को देख-
उस पार पंखों वाले अजगरों की दुनिया है
उनकी उगलती आग से उजली धरती
जहाँ न रात है न दिन अगर तुम पहुँ चे तो राह देखते पत्थर में बदल जाओगे-
जैसे किसी और से सुनी हो यह
अपनी कही बात
जीवन में रिहर्सल की संभावना होती तो
लिख रखे हैं पटकथा में कुछ परिवर्तन-
टाल नहीं सकता अपनी कही बात
लौटना
जाना
तुमसे प्रेम करना-
न लिखे कई दिनों तक-
पर मैं भला न था
बुरे दिनों को जीते मैं बुरा होता रहा
मैं समय की तरह अगोचर हो गया
घड़ी में घूमता लगातार
अपनी ही कही किसी बात पे सनकाया सा

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