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सच भी कितना सच
है जानें
सच भी कितना सच है जानें,
दुनिया चाहे कुछ भी बोले
अपना मन माने तो मानें दुनिया चाहे कुछ भी बोले
जिन्दा बच रहने की खातिर जो अब तक पिसते आये हैं
अपनी हस्ती खुद पहचानें दुनिया चाहे कुछ भी बोले
शीशे को फौलाद बता कर जो बेचा करते हैं उनकी
काम ही चलती हैं दूकानें दुनिया चाहे कुछ भी बोले
कैसी भी भारी-भरकम हों, आग अगर अंदर की हो तो
पिघला करती हैं चट्टानें दुनिया चाहे कुछ भी बोले
पंख सभी के पास रहे पर जिनमें उड़ जाने का दम था
हैं उनके ही नाम उड़ानें दुनिया चाहे कुछ भी बोले
२ फरवरी २०१५
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