गम से फेरे सात
करेगी
गम से फेरे सात करेगी तनहाई
से बच के रहना
बहकी-बहकी बात करेगी तनहाई से बच के रहना
जब-जब ये करवट बदलेगी कितनी ही मीनार हिलेंगी
तूफानों को मात करेगी तनहाई से बच के रहना
लमहा-लमहा बेताबी का बेचैनी का आलम होगा
बेकाबू हालात करेगी तनहाई से बच के रहना
बंद पड़े पन्नों की स्याही बह-बह कर बाहर निकलेगी
पहलू में बरसात करेगी तनहाई से बच के रहना
इसकी जिद्दी आवाजों को चुप रहने की आदत कम है
गुस्ताखी दिन रात करेगी तनहाई से बच के रहना
२ फरवरी २०१५
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