भूख का मतलब
भूख का मतलब गुज़ारा हो गया है,
आदमी फिर बेसहारा हो गया है।
भीड़ है बेहद नुकीली तंग राहें
ज़िंदगी का ये नज़ारा हो गया है।
हैं थके पर दौड़ना भी है ज़रूरी,
हाल क्या से क्या हमारा हो गया है।
आजकल दिन भी बड़े हैं रात लंबी,
खूब जीने का सहारा हो गया है।
दूर कलियों से बहुत रहने लगा
है,
बागबाँ को खार प्यारा हो गया है।
जी लिए मँझधार में भी इस अदा
से,
हर लहर हमको किनारा हो गया है।
१ जुलाई २००७ |