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छोटी कविताओं में—
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कैक्टस
रोको मत
लक्ष्मी

 

शहर का मौसम

आज मेरे शहर का मौसम उदास है
जैसे कि कोई दिल के कहीं आस-पास है ।

आहट किसी के पाँव की सुनकर लगा मुझे
चुपचाप चल रहा है, कोई मेरे साथ है ।

क्यों सर्द रात आज फिर देने लगी तपिश
लगता है तेरे हाथ में फिर मेरा हाथ है ।

आज जाने क्या हुआ कि वक्त रुक गया
काटे नहीं कटती भला ये कैसी रात है ।

जिसकी तलाश करती हूँ, तेरी निगाह में
लगता है उस सवाल का ये ही जवाब है ।

१४ जनवरी २०१३




 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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