अनुभूति में
रेखा राजवंशी की रचनाएँ —
नई रचनाओं में-
अपनों की याद
दर्द के पैबंद
पिता
माँ दो कविताएँ
वक्त के पैबंद
छंदमुक्त में—
कंगारुओं के देश से
जिंदगी छलने लगी
ढूँढ रही हूँ चंदन
दोस्ती
पिघलता अस्तित्व
बचपन के दिन
बदलाव
भाई को चिट्ठी
विदेश में भारत
सफर एक औरत का
संदूक
छोटी कविताओं
में—
संगति
कैक्टस
रोको मत
लक्ष्मी
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दोस्ती
मयखाने से दोस्ती शराब है
बनिये से दोस्ती हिसाब है
टीचर से दोस्ती किताब है
दुश्मन से दोस्ती खराब है
डाक्टर से दोस्ती इंजेक्शन है
मरीज से दोस्ती इन्फेक्शन है
नेता से दोस्ती इलेक्शन है
बास से दोस्ती सलेक्शन है
पुलिस से दोस्ती फोर्स है
अफसर से दोस्ती सोर्स है
प्रोफेसर से दोस्ती कोर्स है
वकील से दोस्ती डिवोर्स है
राइटर से दोस्ती कहानी है
प्रमिका से दोस्ती जवानी है
दौलत से दोस्ती दीवानी है
दोस्त से दोस्ती सयानी है
१ मई २००६
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