अनुभूति में डॉ. कृष्ण कन्हैया की रचनाएँ-
नई रचनाओं में- कटिबद्धता कालजयी दूरगामी सच झाँवा पत्थर प्रमाणिकता
अंजुमन में- कहने सुनने की आदत क्षण-क्षण बदलाव जिन्दगी मुश्किल मेरी थी यादें
छंदमुक्त में- अतिक्रमण आयाम उम्दा एहसान किताब ज़िंदगी की खाई खुशी चरित्र छाया जिन्दगी का गणित जिन्दगी की दौड़ रेशमी कीड़ा रात ललक वस्त्र विचार विवेक वैमनस्य सामीप्य सौदा
विचार मानव यह तेरे व्यवहार ही है जो तुम्हें और प्राणियों से अलग बनाते हैं और दिलाते हैं तेरे विचारों को आंतरिक आधार, सब गुण-आचार जो अगर नीचे गिर गये तो पशु और ऊपर उठे रहे तो प्रभु बन जाते हैं २६ मार्च २०१२
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