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रेशमी कीड़ा

रेशमी कीड़ा
निःसंदेह उत्तम है
कीमती, बारीक, चमकीला है
तभी सर्वोत्तम है
जो ककून की कब्र से
कीड़े की शहादत के बाद
हासिल होता है
जिसे
उसने अपनी जान बचाने के लिए
दुनिया से छिपाने के लिए
अपने जिस्म के चारों ओर
सुरक्षित भविष्य के लिए चुना था
तभी बुना था

पर यह मानव का ही चरित्र है कि
अपने स्वार्थ हेतु वह कीड़े का वध करता है
उसको निर्वस्त्र करता है
ताकि उसके कवच निकाल कर
खौलते पानी में उबाल कर
कीड़े को फेंक कर
कई धागों को एक कर
रेशमी वस्त्र का निर्माण करता है
जिस पर विभिन्न रंगों को चढ़ाकर
कारीगरी दिखाकर
चादर, तकिए के खोल में कलात्मक चित्रों को छापकर
अपनी कला का प्रदर्शन करता है
रेशमी कीड़े की आत्मा का
सरेआम अपमान करता है

जिसने अपनी जान की कुर्बानी,
मौलिकता को कहानी से
शरीर को घूंघट
दरोदीवार को सजावट
राजवाड़ों को ऐशोआराम
और गरीब मजदूरों को काम दिया है
किंतु
वह कीड़ा पीड़ित रहता हैं
और खूनी आदमी का जीवन
सुरक्षित रहता है!

१८ फरवरी २००८

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