अनुभूति में
डॉ.
कृष्ण कन्हैया की रचनाएँ-
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कटिबद्धता
मेरी कटिबद्धता
जायज़ है
तभी तो-
ज़िंदगी के
हर पल से
जोड़े रखता हूँ उसे-
चाहे कोई सवाल आए
या अप्रत्याशित बवाल आए
ज़मीन से
जुड़े होने का दम्भ
अपने आचरण से
हिलने नहीं देता मुझे
ज़ोर-आजमाइश की आँच से
पिघलने नहीं देता मुझे
अपने प्रयत्न पर
मज़बूती से
खड़ा रहता हूँ
अपने आत्म-विश्वास से
पूरी तरह
भरा रहता हूँ
यही मेरी कटिबद्धता है
मेरे जीवन की
प्राथमिकता है१६ जुलाई २०१२
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