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जिंदगी को मिल गई है
जिंदगी को मिल गयी है
इक नयी पहचान
धड़कनों को कर रहे हैं
आज हम तूफान।
आसमाँ से चाँद तारे
तोड़ लेंगे हम
जुल्म की सारी हवाएँ
मोड़ देंगे हम
बंद दरवाजे खुले हैं
और रोशनदान।
धड़कनों को कर रहे हैं
आज हम तूफान।
नयन में सपने पले, फिर
जोश है मन में
बूँद शबनम सी खिली, ज्यों
श्रम किया तन ने
हर महकती साँस का
जग कर रहा सम्मान
धड़कनों को कर रहे हैं
आज हम तूफान।
हाथ मलती है व्यवस्था
शहर में चर्चा
जिंदगी ही जिंदगी का
लिख रही परचा
युग, नए संघर्ष का
हम कर रहे आव्हान।
धड़कनों को कर रहे हैं
आज हम तूफ़ान।
१ मार्च २०१६
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