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मन हो जाये चंगा
(क्षणिकाएँ)
     

 





 

 


 




 



श्री कृष्ण
नाम है
आनंद की अनुभूति का,
प्रेम के प्रतीक का ,
ज्ञान के सागर का
और जीवन की
पूर्णता का।


श्री कृष्ण ने
गीता में दिया है
नीति नियमों का ज्ञान ,
जीवन को जीने का सार
पर इस युग में
तो मानव ने
राहों में रोप दिए हैं
क्षुद्रता के
कँटीले तार।


मोहन ने
शंख बजाकर
उद्घोष किया था
करो दुष्टों का नाश।
आज कलयुग में
अधमता के
काले बादलों से
भरा हुआ है आकाश।


लक्ष्य
निर्धारित करता है
आने वाले कल की
दिशाएँ
और
नए संसार का
अभिकल्प।


श्री कृष्ण
जन्मोत्सव
ह्रदय में
उन्माद की आँधी
श्याम बनने की होड़ में
बाल गोपाल
फोड़ रहे हैं
दही हाँडी।


फूलों से सजा
हिंडोला
दूध - दही की
बहती गंगा
विविध पकवान
पंचामृत का भोग
भक्ति का बहता सागर
मन हो जाये चंगा।

- शशि पुरवार
२६ अगस्त २०१३

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