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महाराज विराजा
विराजा
गादी पर महाराज विराजा
गादी पर महाराज
चन्दन लेपा आजू-बाजू
माथे पर त्रिपुण्ड
भगत खड़े कर जोड़े ऐसे
ज्यों भेड़ों के झुण्ड
थर्राती सरकार लगा दे
कहीं एक आवाज़
नश्वर है संसार, सुनो सब
ज़रा लगाकर कान
जो भी पास तुम्हारे भक्तों
करके जाना दान
पुण्योदय से अवसर आया
लाभ उठाना आज
हरे मुरारी दया करेंगे
और हरेंगें पीर
मेवा-मिश्री छोड़ हमें तू
पीना सादा नीर
आज ज़रा सा त्याग करे तो
पाएगा कल ताज
सोना दे जा, चाँदी दे जा,
दे जा नगदी साथ
मूढ़, निकम्मे, पापी साले!
धर गद्दी पर माथ
चिन्ता छोड़ गगन में उड़ जा!
जैसे उड़ता बाज़
१ जून २०२२ |