कभी शबनम
कभी शबनम कभी शरारा है।
मेरे जीवन में एक सितारा है।।
कुछ तो किस्मत ने बेवफ़ाई की,
और कुछ आपने बिगाड़ा है।
हमको मंझधार जैसा लगता है,
लोग कहते हैं ये किनारा है।
दूर तक फैलते अंधेरे में,
उसी मालिक का बस सहारा है।
जब तलक चाहते हो रह जाओ,
दिल हमारा है घर तुम्हारा है।
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