मौत से जब भी सामना
होगा मौत से जब भी सामना
होगा।
अपने मे दामन में झाँकना होगा।।
मेरे मय्यत के आज उठने पर,
आप को कुछ तो सोचना होगा।
कातिलों में यहाँ लड़ाई है,
कौन भारी है सोचना होगा।
वो ढका है गुलाबी पर्दे में,
अब तो हमको ही बोलना होगा।
जहाँ खुशबू हो सौंधी माटी की,
वहीं घर मेरा आशना होगा।
ये गरीबी अगर मुक र है,
फिर लकीरों को खींचना होगा।।
|