मत समझाओ
मत समझाओ क्या होना है।
किस्मत का लिखा होना है।।
सोच रहा है यही मुसाफिर,
अगली रात कहाँ सोना है।
फूल तो कुछ दिन बाद मिलेगा,
पहले तो काँटें बोना है।
जीवन के जंजाल में पड़कर,
आज नहीं तो कल रोना है।
तेरा चेहरा मेरे घर का,
याद दिलाता है हर कोना है।
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