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ढेरों खुशियाँ दे जाएगा
जाने वाला साल।
दिवस सुमंगल ले आएगा
आने वाला साल!
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नए सुगन्धित फूल खिलेंगे
बगिया में चहुँ ओर
कुहुक कुहुक कर नृत्य करेंगे
हुलस हुलस मन मोर
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भोर सुहानी नित लाएगा
आने वाला साल!
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छटा चाँदनी बिखराएगी
होकर भाव विभोर
सुख का सागर लहराएगा
जिसका ओर न छोर
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रंग मनोहर बिखराएगा
आने वाला साल!
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बनी रहेगी कृपा सभी पर
उस प्रभु की भरपूर
सब के तन मन स्वस्थ रहेंगे
सब कष्टों से दूर
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सरस तराने नित गाएगा
आने वाला साल!
ढेरों खुशियाँ दे जाएगा
जाने वाला साल।
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- डॉ रामेश्वर प्रसाद सारस्वत |
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फिर चलो इक वर्ष बीता
फिर नई राहें बुलातीं
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चंद खुशियाँ जो मिली,
इक हार में उनको पिरोया
दो ग़मों की बूँद भी जो
मिल गई उसको संजोया
जिस दिशा जीवन चला
स्वीकार उसको किया हँस कर
प्यार प्रीतम का मिला तो
स्वप्न ज्यों हो गया पूरा
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क्या पता अनजान राहे
किस पते पर फिर
बुलातीं।
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कुछ नए रस्ते जुड़े, कुछ
याद पीछे छोड़ आये
कुछ बने रिश्ते मगर कुछ
साथ वादे तोड़ आये
ज़िंदगी के रास्ते में
कुछ नए अनुभव मिले पर
ये ज़रूरी भी नहीं है
मन सभी के सँग निभाये
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ज़िन्दगी हर नये पल में
इक नई गाथा
सुनाती
फिर चलो इक वर्ष बीता
फिर नई राहें बुलातीं
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- मानोशी चटर्जी |