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आया है नया
साल |
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आया है नया साल
नया साल नदियों पर, नया साल तालों पर
नया साल झरनों पर, नया साल झीलों पर
कलरव है नया साल
कलकल है नया साल
नया साल खेतों पर नया साल रेतों पर
नया साल सूखों पर नया साल फसलों पर
सँवरा है नया साल
निखरा है नया साल
नया साल खच्चरों पर खपरैलों छप्परों पर
नया साल टीनों पर नया साल पक्कों पर
छाया है नया साल
आया है नया साल
जो भी सुख जिसका है बिन माँगे मिल जाए
जीवन-पथ में आए जो बाधा टल जाए
सबके हित कुछ निश्चित
लाया है नया साल
- अश्विनी कुमार विष्णु |
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उत्सव नव वर्ष
का
गीतों में-
अंजुमन में-
दोहों में-
१५ दिसंबर
से १४ जनवरी तक
नव वर्ष का उत्सव मनाएँगे
हर रोज नव वर्ष की
एक नयी रचना के साथ
यहाँ आएँगे।
पाठकों का
स्वागत है रोज यहाँ आएँ
रचना को पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया को नीचे दिये बक्से में
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नवल हर्ष
नवल वर्ष कविता में गाना है
सूचित हो कवियों को
उत्सव में आना है
देर नहीं करना है
अपनी रचनाओं को ऊपर दिये पते पर
ईमेल कर देना है
या फिर करवाना है
- टीम
अनुभूति
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