उत्सव नव वर्ष का
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१७. १२. २०१५

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नये साल में

 

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नए साल में देश के, पूरे हों अरमान
भूखों को रोटी मिले, नारी को सम्मान



नए साल में भी करें, मिलकर ऐसे काज
नारी की गरिमा बढे, जागे सुप्त समाज



ज़ख्म बहुत से दे गया, अबके बीता साल
खुदा करे नववर्ष में, रहें सभी खुशहाल



करते हम नववर्ष से, बस इतनी उम्मीद
रहे दिवाली रात को, हर दिन होवे ईद



नव-भारत निर्माण का, जारी है संघर्ष
संबल देने आ गया, देखो नूतन वर्ष



नए साल में हम करें, रब से ये फ़रियाद
नेक काम में वो करे, हम सब की इमदाद



रब से नूतन वर्ष में, करें यही अरदास
अमन चैन हो देश में, फलें सभी की आस



- रघुविन्द्र यादव

उत्सव नव वर्ष का

१५ दिसंबर से १४ जनवरी तक
नव वर्ष का उत्सव मनाएँगे
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उत्सव की अन्य रचनाओं में-

गीतों में-

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आकुल

अंजुमन में-

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कल्पना रामानी

पिछले पखवारे
१ दिसंबर २०१५ को प्रकाशित

गीतों में-
जयराम जय

अंजुमन में-
मुकुंद कौशल

छंदमुक्त में-
पंखुरी सिन्हा

कुंडलिया में-
शालिनी रस्तोगी

पुनर्पाठ में-
दिव्यनिधि शर्मा

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