उत्सव नव वर्ष का
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

२२. १२. २०१५

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला रचनाकारों से

जब आता है साल नया

 

111

एक अजनबी जैसा लगता, जब आता है साल नया
लेकिन फिर भी सबके मन को भा जाता है साल नया

उलझी सी रह जाती हैं जब, कुछ गाँठें इस जीवन की
आशादीप जलाकर उनको, सुलझाता है साल नया

अनगिन इच्छाओं को ढोकर, आखिर थक जाते हैं हम
आकर स्नेह भरे हाथों तब, सहलाता है साल नया

संघर्षों के ताने बाने, में उलझा है यह जीवन
राह अँधेरे में उजली सी, दिखलाता है साल नया

गत वर्षों के अनुभव से ऐसा भी लगता है हमको
बंद तिजोरी जैसा ही क्यों, छल जाता है साल नया

दूर बहुत से पाखी उड़कर, अपने गंतव्यों पर आते
सुख के स्वप्न दिखाकर भी तो, भरमाता है साल नया

इस जीवन की रात अँधेरी जैसे भी कट जाती है
नव-जीवन का सूर्योदय फिर, ले आता है साल नया

- सुरेन्द्रपाल वैद्य
उत्सव नव वर्ष का

गीतों में-

bullet

अश्विनीकुमार विष्णु

bullet

आकुल

bullet

पद्मा मिश्रा

दोहों में-

bullet

ज्योतिर्मयी पंत

bullet

रघुविन्द्र यादव

अंजुमन में-

bullet

कल्पना रामानी

bullet

सुरेन्द्रपाल वैद्य

छंदमुक्त में-

bullet

अमृता प्रीतम


प्रिय मित्रो, १५ दिसंबर से १४ जनवरी तक हम नव वर्ष का उत्सव मनाएँगे
हर रोज नव वर्ष की
एक नयी रचना के साथ
यहाँ आएँगे।

पाठकों का स्वागत है रोज यहाँ आएँ
रचना को पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया को नीचे दिये बक्से में दर्ज कर जाएँ

नवल हर्ष नवल वर्ष कविता में गाना है
सूचित हो कवियों को उत्सव में आना है
देर नहीं करना है अपनी रचनाओं को ऊपर दिये पते पर ईमेल करना है
या फिर करवाना है

- टीम अनुभूति

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

Google
Loading
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी