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अनुभूति में प्रत्यक्षा की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
इच्छा
एक ख़ामोश चुप लड़की
कोई शब्द नहीं
छुअन
तांडव
दो छोटी कविताएँ
प्रतिध्वनि
पीले झरते पत्तों पर
मल्लिकार्जुन मंसूर
माँ
मेरी छत
मोनालिसा

मौन की भाषा
याद
रात पहाड़ पर
लाल बिंदी
सुबह पहाड़ पर

संकलन में-
दिये जलाओ- लाल सूरज हँसता है
प्रणय गीत

दीपावली
मौसम- मौसम
गुलमोहर- गुलमोहर: तीन दृश्य

तांडव

शांत स्थिर जल से अचानक
ये बुलबुले कैसे फूटे

पानी की बूँदों की बुदबुद
अंदर कैसी खदबद खदबद

दुख का है ये या क्रोध का
जाने कैसा लावा फूटा

चट्टानों पर क्रोधित लहरों
का ये कैसा तांडव नर्तन

मेरे मन के क्रोध आवेश
का प्रकृति में कैसा प्रतिबिम्बन

 

 

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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