एक खामोश
चुप लड़की
मेरे अंदर छिपी है
एक खामोश चुप लड़की
जो सिर्फ आँखों से बोलती है
उसके गालों के गड्ढ़े
बतियाते हैं
उसके होठों का तिल मुस्काता है
उसकी उँगलियाँ खींचती हैं
हवा में तस्वीर, बातों की
पर जब मैं
लोगों के साथ होती हूँ
मैं बहुत बोलती हूँ
पहाड़ी झरनों की तरह
मेरी बातें
आसपास बह जाती हैं
सिगरेट के छल्लों की तरह
हवा में तैरती हैं
लोग कहते हैं
मैं बहुत बातुनी हूँ
पर लोगों को नहीं पता
मेरे अंदर छिपी है
एक खामोश चुप लड़की
जो सिर्फ आँखों से बोलती है
१६ मई २००५ |